प्रश्नोत्तर

रसोई में कोई भी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के भोजन ग्रहण कर सकता है।

नहीं, भोजन के समय कोई दस्तावेज लाना आवश्यक नहीं है।

दाल,सब्जी,रोटी,चावल (श्रीअन्न) एवं अचार। जिला स्तरीय समिति स्थानीय आवश्यकतानुसार भोजन के मैन्यू में परिवर्तन कर सकती है।
दोपहर के भोजन का समय प्रातः 8:30 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक एवं रात्रि भोजन का समय सायं 5:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक रहेगा।
इस योजना में कोई भी व्यक्ति आर्थिक सहयोग कर सकता है। दान/सहयोग मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा संबधित जिले की रजिस्टर्ड जिला स्तरीय श्री अन्नपूर्णा रसोई के बैंक खाते में कर सकता है। रसोई में कोई भी अपने परिजनो की वर्षगांठ, जन्मदिवस या अन्य किसी भी उपलक्ष्य में दोपहर/रात्रि या दोनो समय का भोजन प्रायोजित कर सकते है, आगुतंको के लिये प्रायोजित भोजन प्रायोजित सीमा तक निःशुल्क उपलब्ध रहेगा। आपके प्रायोजित भोजन का प्रदर्शन डिस्प्ले बोर्ड पर किया जा सकेगा कि आज का भोजन श्री .......................द्वारा ............................कारण से प्रायोजित है। प्रायोजक व्यक्ति लागत राशि का भुगतान संबधित बैंक खाते में किया जायेगा। इस हेतु सहयोगकर्ता को उचित मान-सम्मान दिया जायेगा।
योजना में संस्था/कॉर्पोरेट/फर्म आर्थिक सहयोग भी कर सकती है। दान/सहयोग मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा रजिस्टर्ड जिला स्तरीय श्री अन्नपूर्णा रसोई के बैंक खाते में ही किया जा सकेगा। औधोगिक/व्यापारिक संस्थान सीएसआर फण्ड से सहयोग कर सकते है, तथा ये संस्थान एक या अधिक श्री अन्नपूर्णा रसोई के संपूर्ण संचालन का जनसहभागिता के आधार पर उतरदायित्व ले सकते है।
भोजन की गुणवता सही नहीं पाये जाने पर संबधित नगरीय निकाय, जिला कलेक्टर को लिखित में शिकायत कर सकते है अथवा स्वायत शासन विभाग के टोलफ्री नं. 18001806127 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते है।
श्री अन्नपूर्णा रसोई संचालक संस्था को प्रति थाली 22 रूपये की अनुदान राशि देय है, साथ ही राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक रसोई संचालन के समय 5 लाख रूपये व्यय कर आवश्यक आधारभूत सामग्री प्रदान की जायेगी। साथ ही प्रतिवर्ष 3 लाख रूप्ये संबधित नगरीय निकाय आवृति व्यय के रूप में भी व्यय करेगा।

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